पुराने से पुराना धातु रोग का इलाज- Dhatu Rog Ki Ayurvedic Dawa

आप गूगल पर धातु रोग की आयुर्वेदिक दवा को खोज रहे है तो अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। अगर आप धातु रोग से परेशान है और तरह तरह के घरेलु नुस्खे और आयुर्वेदिक दवाइयों को आजमा चुके है तो ये लेख आपके लिए है। इसके लेख में है हम आपको बताएंगे की आप पुराने से पुराना धातु रोग का आयुर्वेदिक इलाज कैसे कर सकते है। इसके साथ ही हम धातु रोग के कारण, उपाए और धातु रोग की सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवाओं बारे में भी बताएंगे।

धातु रोग और इसकी आयुर्वेदिक दवा (Dhatu Rog aur iski ayurvedic dawa):

धातु रोग की आयुर्वेदिक दवा (Dhatu Rog Ki Ayurvedic Dawa) : धातु रोग उसे कहते है जब भी किसी पुरुष के मन में सेक्स या काम की भावना बढ़ जाती है तो पुरुष का लिंग अपने आप खड़ा हो जाता है और उसका अंग उत्तेजना की अवस्था में आ जाता है इस अवस्था में पुरुष के लिंग से पानी के रंग के जैसी पतली लेस निकलने लगती है लेस बहुत पतली होने के कारण लिंग से बाहर नहीं आ पाती है जब व्यक्ति बहुत अधिक देर तक उत्तेजित रहता है तो लेस पुरुष के लिंग के अगले हिस्से पर आ जाती है! जिसको पुरुष की Male G-Spote कहते है सम्भोग और उत्तेजना के बिना वीर्यपात होने को भी धातु रोग कहते है

आज के युग में अनैतिक सोच बढ़ने से पुरुष और महिला अक्सर अश्लील फिल्मे देखते और पढते है और गलत तरीके से वीर्यनाश करते है अधिकतर लड़के लड़कियाँ अपने मन में हे शारारिक संबंद बनाना शुरू कर देते है जिससे उनका लिंग अधिक देर तक उत्तेजना में बना रहता है और वीर्यनाश होता है और ज्यादा लेस बहनी शुरू हो जाती है ऐसा अधिकतर होने के कारण ऐसी एक ऐसा वक्त आता है एक ऐसी स्थिति भी आती है जिस से किसी लड़की के मन में ख्याल आते है ही लेस निकालनी शुरू हो जाती है ये प्रकार का रोग है जिसे धातु रोग कहते है!

धातु रोग का कारण (Dhatu Rog ka Karan):

डॉक्टर के अनुसार धातु रोग ज्यादा हस्तमैथुन या सेक्स पाचन तंत्र या शारारिक कमजोरी मूत्र और जननागों से सम्बंधित समस्या यौन असंतोष मूत्र मार्ग का सुकड़ना, मलाशय से सम्बंधित विकार जैसे बवासीर, एनल फिशर, त्वचा में फोड़े-फुंसी आदि भी धातु रोग का कारण बन जाती है जब वृषण ज्यादा गर्मी (जैसे गर्म पानी से भरे टब में नहाना) के प्रभाव में आते हैं शक्राणु की सप्लाई क्षतिग्रस्त हो जाती है जिससे रात को सोने के बाद शुक्राणु जारी होने लगते है और व्यक्ति ऐसी कल्पना करने लगता है जिससे शरीर में उत्तेजना बढ़ने लगती है और वीर्यपात हो जाता है और धातु रोग को बढ़ावा मिलता है

धातु रोग के लक्षण (Dhatu Rog ke Lakshan):

धातु रोग मुख्य तौर कमर के निचले हिस्से में दर्द, थकान, अवसाद, सुस्त आँखे, अंडकोष वाले हिस्से में दर्द होना पसीना आना, चक्कर आना, गर्म या नरम हथेलियां व तलवे शामिल हैं धातु रोग का कारण बनता है

धातु रोग के उपचार (Dhatu Rog ke Upchar):

धातु रोग के उपचार के लिए हमे अपनी जीवनशेली में बदलाव करने की ज़रुरत होती है! शराब और दूसरे नशे का सेवन करना बंद कर देना चाहिए रात के समय कम भोजन लेना चाहिए बहुत मुलायम गद्दों पर नहीं सोना चाहिए जननांगों को पूरी तरह से स्वच्छ रखना, मल त्यागो को सही से होना, आदि इसके उपचार में में सहायक है वीर्यपात की समस्या सुबह के ही कुछ घंटो में होती है तो ऐसे में आप अलार्म की मदत से सुबह जल्दी उठने की कोशिस करे रात को सोते समय टाइट कपडे न पहने और रात संतुलित आहार ही ले! इन उपायों से धातु रोग से मुक्ति मिलती है

धातु रोग को रोकने के घरेलू उपाय (Dhatu rog rokne ke gharelu upay):

धातु रोग की समस्या (Dhatu rog ki samasya) आमतौर पर पुरुषो में ही होती है इस रोग को ठीक करने के लिए तरबूज, एवोकाडो का सेवन ही लाभदायक है अजमोद एक शक्तिशाली उत्तेजक है जिसमे एंड्रोस्टेरोन पाया जाता है यह एक प्रकार का सुगंद रहित हॉर्मोन है जो पुरुषो में पसीने के साथ हे बाहर निकलता है सोने से पहले अमजोद की पत्तियों का ही जूस पिए सेवन करे यह सरीर को फिट रखने और शारारिक शक्ति को बढ़ाने में भी मदत करता है और रोज 2 से 3 कप का सेवन करना चाहिए और सवपन दोस को कम करता है और अच्छी नींद दिलाता है

इस रोग को जड़ से खत्म करने के लिए मैथी का सेवन करे यह हॉर्मोन को संतुलित करने वाली दिक्कतों के इलाज में में असरदार है यह पाचन को ठीक रखता है और रात को सोने से एक घंटे पहले मैथी के रस को शहद के साथ मिलाकर पीना लाभदायक है! इससे धातु रोग नष्ट हो जाता है

धातु रोग की आयुर्वेदिक दवा (Dhatu Rog ki Ayurvedic Dawa):

  1. गिलोय :-धातु रोग से मुक्ति पाने के लिए 2 चम्मच गिलोय रस के साथ 1 चम्मच शहद मिलाकर पीना चाहिए
    2.आवला :- प्रतिदिन सुबह खालीपेट 2 चम्मच आंवला और एक चम्मच शहद को मिलाकर पिए इससे जल्दी हे धातु से मुक्ति मिलती है और शाम तो आंवला के चूरन को दूध में मिलाकर लेने से धातु रोग से पूरी तरह से मुक्ति मिलती है!
  2. तुलसी :- 3 से 4 ग्राम तुलसी के बीज और थोड़ी मिश्री के साथ मिलकर दोपहर का खाना खाने के बाद खाये इससे जल्द ही धातु रोग से मुक्ति मिलेगी
  3. उड़द की दाल :-उड़द की दाल को पीसकर उसे खांड के साथ भून लिया जाए तो भी धातु रोग से बहुत ज्यादा आराम मिलता है!
  4. जामुन की गुठली :- जामुन की गुठलीयो को धूप में सुखाकर उसका पाउडर बना ले और रोग दूध के साथ खाये कुछ हफ्तों में ही करने से आपका घात गिरना बंद हो जायगा! और आपको धातु रोग से मुक्ति मिलेगी
  5. सफ़ेद मुसली:-अगर 20 ग्राम सफेद मूसली के चूर्ण में मिश्री मिलाकर खाया जाय और उसके बाद ऊपर से लगभग 400 ग्राम गाय का दूध पी ले तो अत्यंत लाभकारी होता है इस उपाय से शरीर को अंदरूनी शक्ति मिलती हैऔर व्यक्ति के शरीर को रोगो से लड़ने की सकती मिलती है और धातु रोग से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाती है और आयुर्वेदिक उपाय है जिससे शरीर बिलकुल स्वस्थ बन जाता है! और निरोग रहता है! इससे धातु रोग नष्ट हो जाता है
  6. तेल से मालिश :- पुरे शरीर की तेल से मालिश करने से भी इस रोग से छुटकारा मिल सकता है आयुर्वेदिक तेल रक्त के परिसंचरण को बढ़ावा देता है और यौन कमजोरीयो को दूर कर करने में भी मदतगार होता है! नियमित रूप से आप तेल की मालिश करके आप धातु रोग का उपचार कर सकते है इन उपायों से धातु रोग से मुक्ति मिलती है
  7. पियाज :- पियाज धातु रोग से छुटकारा दिलवाने के काफी मदतगार माना जाता है! इसिलए इसे एक प्रकार की जड़ी बूटी माना जाता है! आमतौर पर हम पियाज को अपने आहार में शामिल कर सकते है लेकिन आयुर्वेदिक दवा में इसका प्रयोग किया जाता है यह प्रमुख रूप से शरीर में रक्त चाप बनाये रखता है! इससे धातु रोग नष्ट हो जाता है

Summary:

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