कलोंजी का तेल के फायदे इन हिंदी:(kaloji ka Tel ke fayde in Hindi):-

मसालों के मामलो में भारत धनी देशो में से एक है। इसलिए तो भारत के खाने के स्वाद के बारे में हर जगह चर्चा होती है। वही, भारत में मसालों को सिर्फ स्वाद का तड़का लगाने के लिए ही नहीं, बॉडी स्वस्थ रहने के लिए भी उपयोग किया जाता है। इन्हे मसालों में एक नाम कलौंजी का भी। कलौंजी का उपयोग तो सभी ने कभी न कभी किया ही होगा, लेकिन कलौंजी के तेल के उपयोग के बारे में शायद बहुत कम लोगो को पता होगा। कलौंजी की तरह ही स्वास्थ्य के लिए कलौंजी के तेल के फायदे भी कई सारे है। ऐसे में अगर आपको अभी तक कलौंजी के तेल के फायदे नहीं पता है। तो स्टाइलक्रेज के इस लेख में पढ़े कलौंजी आयल बेनिफिट्स और कलौंजी के तेल के नुकसान से बचाव के लिए कलौंजी के तेल का उपयोग।

कलौंजी का तेल के फायदे: (Benefits of Black Seed Oil In Hindi):-

स्वास्थ्य के लिए कलौंजी आयल के फायदे आप इस भाग में विस्तार से पढ़ सकते है। ध्यान रखे की यह किसी बीमारी का पूर्ण इलाज नहीं है। कलौंजी तेल का उपयोग करने से बीमारी के लक्षणों को कम करने और बीमारियों से बचाव करने में मदद मिल सकती है तो आइए अब जानते है कलौंजी आयल बेनिफिट्स:

रक्तचाप के लिए:-

कलौंजी तेल का उपयोग रक्तचाप यानि ब्लड प्रेशर के लिए किया जा सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, कलौंजी आयल के फायदे(Nigella Sativa L. Seeds) में उच्च रक्तचाप को कम करना शामिल है। दरअसल, स्टडी में यह पुष्टि हुई है की प्रतिदिन 5 एमएल कलौंजी तेल के सेवन से बीपी यानी हाइपरटेंशन (Hypertension) कम हुआ (1) वही, एक अध्ययन के अनुसार, कलौंजी के बीजो के अर्क में एंटी हाइपरटेंशन प्रभाव होता है, जो रक्तचाप कम करते में मदद कर सकता है (2) इस आधार पर इन परिणामो को देखते हुए यह कह सकते है की कलौंजी के तेल के फायदे में उच्च रक्तचाप से बचाव शामिल है।

कोलेस्ट्रॉल के लिए कलौंजी तेल के फायदे:-

कलौंजी आयल बेनिफिट्स में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करना भी शामिल है। दरअसल, कलौंजी हानिकारक कोलेस्ट्रॉल (LDL) और ट्राइग्लिसराइड्स(Triglyceride) का स्तर कम कर सकता है। ऐसा इसमें मौजूद एंटी हाइपरकोलेस्ट्रोलेटिक (Anti-hypercholesterolemic) गुण के कारण है (3 )वही, इसका इस्तेमाल एंटी हाइपरलिपिडेमिक (Antihyperlipidemic) यानि रक्त में उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित करने वाली दवा के रूप में भी किया जा सकता है। इसके लिए कलौंजी के बीज का पाउडर और तेल दोनों ही लाभकारी हो सकते है।

गठिया:-

गठिया (Arthritis) की समस्या हड्डियों के जोडो से जुडी होती है। इसमें जोड़ो में सूजन और दर्द होता है, जिसके कारण सीधे तौर पर दैनिक जीवन की शारारिक गतिविधि प्रभावित हो सकती है (5) वही कलौंजी के तेल के फायदे में गठिया का उपचार भी शामिल है। एक अध्ययन के अनुसार, कलौंजी के तेल में एंटी इंफलेमेंटरी और एनाल्जेसिक (Analgesic – दर्द निवारक) गुण होते है। इसी वजह से कलौंजी तेल में फायदे में रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या (गठिया का एक प्रकार) से राहत भी शालमिल है (6) साथ ही यह ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) गठिया का एक प्रकार) में घुटने का दर्द दूर करने में भी लाभकारी पाया गया है (7) हालांकि, गठिया में कलौंजी का तेल पीने के फायदे है या नहीं इस बाटे में अभी और शोध की आवश्कता है ऐसे में दर्द प्रभावित जगह पर बाहरी तौर से कलौंजी के तेल का उपयोग किया जा सकता है।

अस्थमा (दमा) के लिए:-

कलौंजी आयल के फायदे में अगली जानकारी दमा यानि अस्थमा (Astham – वायु मार्ग की सूजन) से जुडी है पारम्परिक तौर पर देखा जाय, तो कलौंजी का तेल सूजन सम्बन्धी परेशानियों के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है, जिसमे अस्थमा भी शामिल है। कलौंजी का तेल न सिर्फ अस्थमा का उपचार कर सकता है, बल्कि यह पल्मोनरी (pulmonary Function -फेफड़ो सम्बंधित स्थिति) में सुधार करके सांस लेने की दर भी बेहतर कर सकता है इसके अलावा, कलौंजी के तेल का उपयोग विभिन्न प्रकार की एलर्जी के लिए प्राकृतिक उपचार के तौर पर किया जा सकता है इसमें अस्थमा के साथ ही एलर्जिक राइनाइटिस (Allergic Rhinitis -एलर्जी के कारण बार -बार छींक आने की समस्या), एटोपिक एक्जिमा(Atopic Eczema) जैसे एलर्जी रोग शामिल हो सकते है

पेट के लिए:-

पेट से जुडी समस्याओ का उपचार करने में भी कलौंजी के तेल का उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, इसके तेल में गेस्ट्रो प्रोटेक्टिव (Gastroprotective) प्रभाव होता है। इसका यह प्रभाव पेट के एसिड (म्यूकिन और ग्लूटाथियोन) बढ़ाने और पेट से जुड़े घावों का कारण बनने वाले गैस्ट्रिक म्यूकोसल हिस्टामाइन (Gastric Muscosal Histamine) को घटाने में मदद कर सकता है। जिस वजह से जुडी समस्याओ, जैसे गैस्ट्रिक अल्सर से बचाव में प्रभावकारी हो सकता है (10) हालांकि अगर कीड़ी की पेट सम्बन्धी समस्या गंभीर तो तो बेहतर है डॉक्टरी चिकित्सा को प्राथमिकता दे और डॉक्टर के कहने पर ही कलौंजी के तेल को आहार में शामिल करें।

मुँहासे के लिए:-

कलौंजी आयल बेनिफिट्स में मुंहासे की समस्या से भी छुटकारा भी शामिल है इसमें मौजूद एंटी इंफ्लेमेशन, एंटीमाइक्रोबियल और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी(Immunomodulatory) जैसे प्रभावो मुंहासे की समस्या का उपचार कर सकते है शायद यही वजह है की कलौंजी के तेल का इस्तेमाल विभिन्न स्किन प्रोडक्ट्स बनाने में भी किया जाता है (11) ऐसे में देखा जाय, तो मुंहासे दूर करने के लिए चेहरे पर कलौंजी का तेल या इसके तेल से बने लोशन का इस्तेमाल करना लाभकारी हो सकता है।

मधुमेह के लिए:-

कलौंजी के तेल का उपयोग डॉयबिटीज़ यानी मधुमेह की समस्या से राहत पाने के लिए भी किया जा सकता है। दरअसल, कलौंजी के तेल में एंटी दियबिटिक गुण होता है, जो मधुमेह का जोखिम कम कर सकता है (12) वही, एक अध्ययन के अनुसार, कलौंजी के तेल को टाइप 2 डॉयबिटीज को नियंत्रित करने के लिए बिना किसी दुष्प्रभाव के उपयोगी पाया गया है। हालांकि, इसका प्रभाव मेटफोर्मिन (Metaformin) मधुमेह की दवा की तुलना में कम है लेकिन कलौंजी के तेल के साइड इफ़ेक्ट सामने नहीं आये

घाव भरने के लिए:-

त्वचा के घाव भरने के उपाय में भी कलौंजी आयल के फायदे हो सकते है। कलौंजी के बीज और इसके तेल में एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरिया और घाव भरने का प्रभाव पाया गया है। कलौंजी आयल के फायदे में त्वचा संक्रमण और सूजन के साथ ही त्वचा की कीटाणुओं को कम करना शामिल है (11) ऐसे में हल्के-हल्के घाव के लिए यह उपयोगी हो सकता है वही अगर समस्या गंभीर हो तो डॉक्टरी सलाह लें।

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